ग्रामीण डाक सेवकों ( जीडीएस ) के लिए संतान शिक्षा सुविधा भत्ता



  •  संतान शिक्षा सुविधा भत्ते की प्रतिपूर्ति का दावा केवल दो सबसे बड़े जीवित बच्चों के लिए किया जा सकता है , यह इस अपवाद के साथ कि दूसरे बच्चे का जन्म जुड़वां / एक से अधिक बच्चों के रूप में हुआ हो । नसबंदी आप्रेशन के विफल हो जाने के मामले में , संतान शिक्षा सुविधा भत्ता सामान्यत : दो बच्चों के निर्धारित मानक के अलावा ऐसी विफलता के पहले मामले से पैदा हुए बच्चों के संबंध में स्वीकार्य होगा । 
  •  संतान शिक्षा सुविधा भत्ते की प्रतिपूर्ति राशि प्रत्येक बच्चे के लिए 6000 रुपए वार्षिक ( नियत ) होगी । 6000 / - रु . की यह राशि जीडीएस द्वारा वास्तव में किए गए खर्च के अलावा नियत की गई है । संतान शिक्षा भत्ते की प्रतिपूर्ति का दावा करने के लिए , जीडीएस को दावा की गई अवधि / वर्ष के लिए संस्था के प्रमुख द्वारा जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा । प्रमाणपत्र में इस बात की पुष्टि की जाए कि बच्चे ने पिछले शैक्षिक वर्ष के दौरान स्कूल में पढ़ाई की है । यदि ऐसा प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं किया जा सकता , तो रिपोर्ट कार्ड की स्वप्रमाणित प्रति या स्वप्रमाणित रसीद ( ई - रसीद सहित ) इस बात की पुष्टि करते हुए / दर्शाते हुए प्रस्तुत की जाए कि दावा किए गए संतान शिक्षा सुविधा भत्ते के लिए पूरे शैक्षिक वर्ष के लिए जमा की गई फीस के सहायक दस्तावेज प्रस्तुत किए जा सकते हैं । अवधि / वर्ष से तात्पर्य शैक्षिक वर्ष अर्थात पूरे शैक्षिक सत्र के बारह महीनों से है । संतान शिक्षा सुविधा भत्ता , दूसरे बच्चे के जन्म के समय जुड़वां / एक से अधिक बच्चों के जन्म को छोड़कर , एक फार्म में केवल दो सबसे बड़े जीवित बच्चों के लिए ही दावा किया जा सकता है । 
  •  पति / पत्नी दोनों के जीडीएस / सरकारी कर्मचारी होने के मामले में , उनमें से कोई एक संतान शिक्षा सुविधा भत्ता या सीईए के तहत प्रतिपूर्ति भत्ता ले सकते हैं । ( सरकारी कर्मचारी के मामले में )
  • वित्तीय वर्ष के पूरा होने के बाद एक वित्तीय वर्ष में केवल एक बार संतान शिक्षा सुविधा भत्ते की प्रतिपूर्ति की जाएगी । 
  •  संतान शिक्षा सुविधा भत्ते की प्रतिपूर्ति का बच्चे की कक्षा में उनके प्रदर्शन के साथ कोई संबंध नहीं है । दूसरे शब्दों में , यदि बच्चा किसी कक्षा में अनुत्तीर्ण भी हो जाता है , तो भी संतान शिक्षा सुविधा भत्ते की प्रतिपूर्ति को नहीं रोका जाएगा । हालांकि , यदि बच्चे को दूसरे स्कूल में उसी कक्षा में दाखिल कर दिया जाता है , यद्यपि बच्चा पिछले स्कूल में उसी कक्षा या बीच के सत्र में पास हुआ है , तो संतान शिक्षा सुविधा भत्ते की प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी । 
  • यदि किसी जीडीएस की सेवा काल के दौरान मृत्यु हो जाती है , संतान शिक्षा सुविधा भत्ता प्रदान करने संबंधी अन्य शर्तों के पूरा होने पर उनके बच्चे के मामले में संतान शिक्षा सुविधा भत्ता प्रदान किया जा सकेगा बशर्ते कि मृतक की पत्नी / पति जीडीएस के तौर पर काम नहीं कर रहा है या केंद्र सरकार , राज्य सरकार , स्वायत्त निकाय , पीएसयू , अर्धसरकारी संगठन जैसे , नगरपालिका , पोर्ट ट्रस्ट प्राधिकरण या केंद्र सरकार / राज्य सरकार द्वारा आंशिक या पूरी तरह से आर्थिक सहायता प्राप्त किसी अन्य संगठन की सेवा में कार्यरत नहीं है । ऐसे मामलों में संतान शिक्षा सुविधा भत्ता बच्चे को उस समय तक देय होगा जिस समय तक जीडीएस ने उसे वास्तव में प्राप्त किया होता , बशर्ते कि अन्य निबंधक और शर्ते पूरी की जा रही हैं । भत्ते का भुगतान उस कार्यालय द्वारा किया जाएगा जिसमें जीडीएस उसकी मृत्यु से पहले कार्य कर रहा था और इस ओएम में निर्धारित अन्य शर्तों द्वारा विनियमित किया जाएगा । - 
  • नियोजन से सेवामुक्ति , बर्खास्तगी या निष्कासन के मामले में , संतान शिक्षा सुविधा भत्ता उस शैक्षिक वर्ष के आखिर तक अनुमत्य होगा , जिस शैक्षिक वर्ष के दौरान जीडीएस सेवामुक्ति , बर्खास्तगी या निष्कासन के कारण नियोजन से हटा दिया जाता है । भुगतान उस कार्यालय द्वारा किया जाएगा जिस कार्यालय में इस घटनाक्रम से पहले तक जीडीएस ने कार्य किया है और इसे कार्यालय ज्ञापन में निर्धारित अन्य शर्तों द्वारा विनियमित किया जाएगा । 
  • दिव्यांग बच्चों के लिए ऊपरी आयु सीमा 22 वर्ष निर्धारित की गई है । अन्य बच्चों के मामले में आयु सीमा 20 वर्ष या 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होने तक होगी , जो भी पहले हो । आयु की कोई न्यूनतम सीमा नहीं होगी । संतान शिक्षा सुविधा भत्ते की प्रतिपूर्ति शिक्षा बोर्ड विश्वविद्यालयों से संबद्ध स्कूलों या जूनियर कालेजों द्वारा आयोजित 11 वीं और 12 वीं कक्षाओं सहित नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए लागू होगी ।
  •  संतान शिक्षा सुविधा भत्ता इस कार्यालय ज्ञापन में दी गई अन्य शर्तों के अध्यधीन " पत्राचार या दूरस्थ अधिगम " के माध्यम से पढ़ाई कर रहे बच्चों के मामले में भी दिया जाएगा । 
  • संतान शिक्षा सुविधा भत्ता कक्षा एक से 12 वीं कक्षा से पहले दो कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों के संबंध में और साथ ही पॉलिटेक्निक / आईटीआई / इंजीनियरिंग कालेज से डिप्लोमा / सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के पहले दो वर्षों तक दिया जाएगा , यदि बच्चा 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद यह पाठ्यक्रम जारी रखता है और जीडीएस को 11 वीं और 12 वीं की पढ़ाई के लिए इस बच्चे को संतान शिक्षा सुविधा भत्ता नहीं दिया गया है । 
  •   नर्सरी, प्राइमरी और मिडिल स्तर पर स्कूल / संस्थानों के किसी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध न होने के मामले में , स्कीम के अंतर्गत प्रतिपूर्ति की अनुमति मान्यता प्राप्त स्कूल / संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ही दी जा सकती है । इस संबंध में मान्यता प्राप्त स्कूल / संस्था से तात्पर्य उस सरकारी स्कूल या किसी शिक्षा संस्थान से है जो केंद्र या राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासन या विश्वविद्यालय या मान्यताप्राप्त शैक्षिक प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त हो जिसका उस क्षेत्र पर अधिकार है जहां वह संस्थान / स्कूल स्थित है , चाहे उसे सरकारी सहायता मिलती है अथवा नहीं । 
  • किसी ऐसे संस्थान में पढ़ रहे दिव्यांग बच्चे के मामले में जो केंद्र / राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन द्वारा आर्थिक सहायता प्राप्त या द्वारा अनुमोदित है या जिनकी फीस इनमें से किसी प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित है , जीडीएस द्वारा अदा किए गए संतान शिक्षा सुविधा भत्ते की प्रतिपूर्ति की जाएगी , चाहे वह संस्थान मान्यता प्राप्त है या नहीं । ऐसे मामलों में बच्चे को 22 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक इसका लाभ दिया जाएगा । 
  •  जीडीएस को उस स्थिति में भी संतान शिक्षा सुविधा भत्ता दिया जाएगा जबकि वह ड्यूटी पर है या पुट ऑफ ड्यूटी पर है या छुट्टी पर है । लेकिन उस अवधि के लिए जिस अवधि को ड्यूटी के लिए नहीं गिना गया है , जीडीएस संतान शिक्षा सुविधा भत्ते का पात्र नहीं होगा । 
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